भूले नहीं भूली जाती

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आंखे नम हैँ ज़ुबान लड़खड़ा रही हैँ शायद कुछ कहना हैँ ,पर जज़्बातों ने रोक लिया ,क्यों  ??? पता नहीं जिंदगी युही चलती रहेगी और ज़स्बात मेरे दिल के किसी कोने मे दबी रह जाएगीरातों मे तेरी यादो को याद कर के सिसकियाँ भरती हु लगता हैँ शायद तुम आओगे,मुझे अपने बाहों मे भरोगे ,मुझे चुम्पते हुए कहोगे ,sorry jaan पर रात युही गुज़र जाति हैँ ,ना तुम आते हो और ना तुम्हारा एहसास एक मिट्टी आवाज़ के लिए तरस गयी हूँ खुद को खो कर तुम से आश लगा बैठी हूँ जब एहसास टूटा तब मालूम हुआ शायद मुझे सपना देखने का भी हक नहीं ज़िंदगी रूठ गयी