लागा चुनरी में दाग़--(अन्तिम भाग)

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और जब डाक्टर सतीश ने अमोली को वहाँ देखा तो वो उससे बोले... "अमोली! तुम और यहाँ" "हाँ! सतीश! मैं ही हूँ",अमोली सतीश से बोली... "लेकिन तुम तीन चार सालों से कहाँ थी"?,सतीश ने अमोली से पूछा.... "मैं अपना इलाज करवा रही थी सतीश!",अमोली बोली... "किस रोग का इलाज करवा रही थी तुम वहाँ?",सतीश ने पूछा... "तपैदिक का,मैं तुम्हें ये सब नहीं बताना चाहती थी ,इसलिए तुम्हें बिना बताएँ ही अपना इलाज करवाने विलायत चली गई",अमोली बोली... "तुम जब विलायत से लौटी तो मुझसे मिलने क्यों नहीं आई अमोली!",सतीश ने पूछा... "मैं तुमसे मिलने आई थी सतीश! लेकिन तुम्हारी माँ