ख्वाहिश,,,,कत्ल उम्मीदों का - भाग 3

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भाग 3सुखविंदर जी अलका जी को समझा कर और हिम्मत रखने का बोल कर खुद पुलिस स्टेशन के लिए निकल गये थे। अलका जी ने सुखविंदर जी को तो बोल दिया था कि वह हिम्मत से काम लेंगी,,पर उनके लिए खुद को शांत रखना मुश्किल हो रहा था। एक मां कैसे शांत बैठ सकती है जब तक उनकी बेटी की कोई ख़बर नहीं मिल जाती। अलका जी की बहन भी आ गई थी। और जब से वह आई थी अलका जी को हिम्मत बंधा रही थी। उन्हें दिलासा देने की कोशिश कर रही थी।पर‌ एक मां के लिए दुनिया की