सेकेण्ड वाइफ़ - भाग 3

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भाग-3 प्रदीप श्रीवास्तव मैं बोलने ही जा रहा था कि अचानक ही उसने अपनी मध्यम हील की गुलाबी सी चप्पल पहनी और बाएँ मुड़ कर गैलरी में आगे बढ़ गई। मैं ग़ौर से उन्हें जाते हुए देखता रह गया। मुझे याद आया कि सहपाठिनी को भी ऐसे ही देखता रह जाता था। मैं एक बार पुनः प्रयास करने के लिए फिर प्रस्थान बिंदु पर खड़ा था। उनके जाते ही मेरे मन में आया कि मैं भी उसी ओर जाऊँ जिधर वह गई हैं। फिर सोचा उससे पहले मैं लड़के से बात करना शुरू करूँ। लेकिन उसने माँ के जाते ही