होली का इतिहास

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होली का इतिहास"दादी जी! आज तो कोई कहानी सुनानी पड़ेगी, क्योंकि श्रुति आज यूनिवर्सिटी से घर आयी है। उसकी इच्छा कहानी सुनने की है।" शैलेश की बात सुनकर दादी बोली-, "चलो ठीक है, सब लोग भोजन कर अपने बिस्तर पर बैठ जाओ।" जब‌‌ सभी लोग भोजन करके आ गये और यथास्थान बैठ गये, तब दादी कहानी सुनाने लगी। दादी ने कहानी सुनाने से पहले सभी से पूछा-, "बच्चों! तुम्हें पता है कि अभी कौन-कौन से त्योहार इस वर्ष हो चुके हैं?"श्रुति ने कहा कि-, "दादा! इस वर्ष तो मकर-संक्रान्ति, होली और नवदुर्गा त्योहार हो चुके हैं। मकर संक्रान्ति के बारे