ये तितलियां (क्यों उड़ने लगी है)

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1.ऐ ज़िंदगी...तेरी नाराजगी से क्या होगा,मुस्कुराहट तो मेरी आदतों में शामिल है...!!2.मुझे परवाह नहीं किलोग क्या कहते हैं, मुझे नज़रे खुद से मिलानी हैंलोगो से नही...!!3.चर्चाये खास हो तो किस्से भी ज़रूर होते है उंगलिया भी उन्ही पर उठती है जो मसहूर होते है... 4.वो कोई और चिराग होते हैं जो हवाओं से बुझ जाते हैं,हमने तो जलने का हुनर भी तूफ़ानों से सीखा है5.कभी कुछ ऐसी स्थिति बन जाती है इंसान जिंदा तो नजर आता है पर वह अंदर से मर चुका होता है6.कभी - कभी आप चाह कर भी अपनी दिल की बाते लिख नही पाते और न