कुछ रंग प्यार का (एक मोहब्बत ऐसी भी)

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1.आंखों में आज भी रहती नमी है,साथ सब हैं मगरभीड़ में भी तुम्हारी कमी है।चेहरे पर मुस्कुराहट दिखती हैमाथे की सिलवटों मेंदिखती कहानी तेरी है।वक्त गुजरता रहा भले लेकिनयादें आज भी मेरी वहीं थमीं हैं।अब तो रूह भी कहती हैजिस्म तो है मगरधड़कनों में तुम्हारी कमी है।2.कभी मिलेंगे कहीं मिलेंगे नही खबरकहां मिलेंगेजहां रब की मर्जी होगीवहां जाकर हम मिलेंगेशायद इस जहां में नहीकिसी और जहां में मिलेंगेपर जब भी हममिलेंगे एक दूसरे सेएक दूसरे के लिए ..किसी तोहफे से कम नही होंगे हम !3.कहाँ लिख पाया कोई कविदिन भर कविताएं क्या गा पाया कोई गायकपूरा दिन गीत फूल भी