अभागन कहीं की

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काजल को पता था कि मेरी विधवा मां मेरा और मेरे छोटे भाई दीपू का पेट आज तक घरों में झाड़ू पोंछा बर्तन धोकर खान पका कर भरती आई है। अब मां के शरीर में इतनी शक्ति नहीं है कि वह मेरा पेट भरने के साथ मेरी शादी भी कर सके। आठ वर्ष का छोटा भाई दीपू खुद मोहताज है, पिता जी की मौत के बाद मां ने किराए के मकान का किराया देने के बाद हम दोनों भाई बहनों और अपना पेट भरने के बाद दीपू कि पढ़ाई कैसे जारी रखी है। उस पर मेरी शादी की चिंता में