क्या एकांत ही सुख हैं ? - 5

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तूषांत और प्रेमा ने एक - दूसरे को अपने दिल की बात बता दी की वह एक - दूसरे से कितना प्यार करते हैं ।और फिर प्यारी प्यारी बाते आपस में करने लग जाते हैं । तुषांत प्रेमा से बोलता हैं की तुम कभी मेरा साथ तो नही छोड़ोगी । तब प्रेमा तुषांत का हाथ अपने हाथो मे रखकर बोलती हैं की तुम क्यों टेंशन ले रहो , तुम्हे मुझ पर विश्वास नहीं ही क्या ?फिर तुषांत बोलता ऐसी बात नहीं हैं , विश्वास तो तुम पर खुद से ज्यादा करता हु पर प्यार भी बहोत करता हु तुझसे ।