सरकारी नौकरी

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आज की पीढ़ी के बच्चों के पास करियर के अनेक आयाम भी हैं और उनमें करियर के प्रति स्पष्टता भी है| किन्तु हमारे ज़माने में तो अधिकाँश बच्चे सिर्फ इसलिए पढ़ते थे, क्यूंकि पढ़ना है| बारहवीं तक तो सोंचते भी नहीं थे की आगे चल कर जीवन में कुछ करना भी होगा| और बारहवीं के बाद भी या तो इंजीनियर बनना है या डॉक्टर| फिर हमारा तो पढ़ाई लिखाई में कभी मन लगा ही नहीं, तो हमने क्या ही करियर का सोंचा होगा| जैसे तैसे बारहवीं तो पास कर ली| पर समाज, रिश्तेदार और शिक्षकों के दबाव को दरकिनार करते