गंगा तेरा पानी अमृत निर्झर बहता जाय

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गंगा तेरा पानी अमृत निर्झर बहता जाय --नदी के किनारे रहने वालों का नदी के बिभन्न रूपों से अक्सर पाला पड़ता रहता है चाहे बरसात के महीने में नदी जब उफान पर विनाशकारी होती है या गर्मी में साधारण छिछली एव सभी के लिए शीतलता का स्रोत।जलीय जीव भी कभी कभार भटकते हुए नदी के किनारे रहने वालों के लिए कौतूहल का विषय बनते रहते है ऐसा बैज्ञानिक मत है कि जलीय जीवों का विशेषकर उभयचर जीवो का जैसे कछुआ, मगरमच्छ ,घड़ियाल, सांप की आयु यदि किसी दुघर्टना की मानव मुलाकात में ना मारे जाए तो हज़ारों वर्ष तक जीवित