बंधन प्यार का - 2

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ओ केहिना चली गयी थी।।और नरेश सन्डे का बेसब्री से इंतजार करने लगा।हिना की मोहक छवि उसके दिल मे ऐसी अंकित हो चुकी थी कि रात हो या दिन वह मोहक छवि उसकी आँखों के सामने घूमती रहती।उसने हिना का नम्बर तो ले लिया था लेकिन अभी इतनी आत्मीयता या इतनी नजदीकी नही हुई थी कि उसे फोन कर सके।कही वह बुरा न मान जाए या अन्यथा न ले ले।फोन करने की चाहे हिम्मत न जुटा पाता पर रात को बिस्तर में वह उसे याद करता और उसे याद करते करते ही सो जाता।और शनिवार को वह बिस्तर में लेटा