खूनी पंजा

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राकेश की शादी पर छोटे भाई किशोर सहित सभी मित्र बड़े खुश नजर आ रहे थे, गांव में एक परंपरा होती है, भाभी की गोद में छोटे देवर को बैठना होता है। किशोर ने इस परंपरा का भली प्रकार से निर्वहन किया। देखते ही देखते सभी काम उत्साह के साथ किए गए। देवताओं के पूजन के बाद सुहाग रात की रस्म भी पूरी की गई। राकेश सहित पूरा परिवार इस बात को ले कर फूला नहीं समा रहा था कि बहु बहुत ही सुन्दर आई है, शायद पूरे परिवार में इतनी खूबसूरत बहु अब तक नही आई थी।सुहाग रात की