रिश्तों की अहमियत

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आरुष... पुत्र आरुष...हां जी अंकल... अपने अंकल की आवाज सुनकर ऊपरवाले होल निकल कर सीढियों से नीचे उतरते हुए आरुष बोला...आरुष... पुत्र मुकेश महाराज और ये सोहन मास्टर... तुमसे मिलने आए है अपनी पुत्री के रिश्ते के लिए...सोहन ने देखा महाराज के साथ एक अंकलजी आए हुए थे...जी... नमस्कार... कहकर दोनों के पैरों में झुक गया...फिर चर्चा का दौर शुरू हुआ, सोहन मास्टर ने कुछ प्रश्नों के जरिए आरुष के कार्यं और आदत इत्यादि के बारे में पूछा .....पुत्र... महाराजजी बता रहे है सोहन मास्टर की पुत्री बिल्कुल तुम्हारी पसंद जैसी है घरेलू , संस्कारों वाली... अंकल जी ने बात