खामोशिया.....

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खामोशिया अपनी कहे किस से ...जज्बत जज्बात ही रह गए हम पास आकर भी दूर हो गए हम तो लिख कर दर्द कम करते है वो सरेआम दोस्तो मे बदनाम करते है लोग कहते है बुक लिखा करो हम क्या बता ए FB.YQ.WT TG SC IG...हम सब जगह उनके चर्च कर आए नाम पूछते है लोग उनका तो हम बताते नही हम ऐसे ही है जनाब उनके ख्वाब दिल से मिटाते नही हैमेरी तकलीफ का तकाजा नही होगा शायद तुम्हेहम दर्द लिखते है बताते नही...मेरी फ़तरत बदल जाने की नही शायद इसीलिए आज तुझे मेरी कदर नही...बहुत दर्द है ऐ