सफ़र

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एक बुज़ुर्ग शिक्षिका भीषण गर्मियों के दिन में एक बस में सवार हुई, पैरों के दर्द से बेहाल, लेकिन बस में खाली सीट न देख कर जैसे – तैसे खड़ी हो गई।   कुछ दूरी ही तय की थी बस ने कि एक उम्रदराज औरत ने बड़े सम्मानपूर्वक आवाज़ दी, "आ जाइए मैडम, आप यहाँ बैठ जाएं” कहते हुए उसे अपनी सीट पर बैठा दिया।   खुद वो बेहद साधारण सी औरत बस में खड़ी हो गई।   मैडम ने दुआ दी, "बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरी बुरी हालत थी सच में।"   उस महिला के चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान