श्री चैतन्य महाप्रभु - 3

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दो चोरों पर कृपाअब तो निमाइ ने चलना भी सीख लिया था। इसलिए सारा दिन दूसरे बच्चों के साथ यहाँ-वहाँ घूमते हुए शरारतें करने लगे। किसी के घर में घुसकर भात खा लेते, तो किसी के घर में रखा हुआ दूध-दही चुराकर खा लेते और यदि किसी के घर में कुछ नहीं मिलता तो गुस्से में भरकर घर में रखे हुए मिट्टी के बर्तनोंको ही तोड़ डालते थे। किसी के घर में बच्चा सो रहा होता, तो उसे रुलाने लगते, जब घर के लोग आ जाते तो सभी बच्चे वहाँ से भाग जाते। और यदि कभी किसी स्त्री की पकड़