सच बोलने की कसम

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गोरी को कभी ही स्कूल जाना अच्छा नही लगता था बह अभी सात वी कक्षा में पढ़ती है, बह रोज स्कूल के लिए लेट उठती है रोज का नया बहाना लगती थी, बह पढ़ना नही चाहती थी उसको पढ़ने से ज्यादा खेलना कूदना मस्ती मजाक पसंद थे ।बह हमेशा अपने ही ख्यालों में खोई रहती, आज उसको स्कूल के लिए माँ उठाने आती है। उसको आवाज दे कर चली जाती हैं आगे...गोरी बेटा जल्दी उठो स्कूल के लिए लेट हो रही हो। स्कूल जाना है बस आती ही होगी, गोरी ने कान पर से बात टाल दी और अपने कानों