आलू के परोंठे

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मेरे हाथ आटे में सने थे, डोर बैल बार बार बज रही थी । मैने फंकी (हां मेरी बड़ी बेटी) को आवाज़ लगाई और दरवाज़े पर देखने के लिए कहा । वो अपने म्यूजिक में मस्त थी और उसे म्यूजिक सुनते समय कोई भी बोले तो बहुत बुरा लगता है । ख़ैर मेरी आवाज़ से वो चली गयी लेकिन दरवाज़े से ही आवाज़ लगाई मम्मी कोई आदमी आया है आपको ही पूछ रहा है आप ही देख लो । मैं आटे सने हाथों से ही दरवाज़े के पास चली गई दरवाज़े के पार झक सफेद बाल थोड़ी सी दाड़ी और