परम भागवत प्रह्लाद जी - भाग18 - दैत्य-बालकों से प्रह्लाद की बातचीत

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[प्रह्लाद का सहपाठी बालकों को ज्ञानोपदेश] प्रह्लाद पुनः अपना पाठ पढ़ने लगे, गुरु-पुत्रों ने उनको शुक्रनीति के तत्त्वों को भली भाँति पढ़ाया और अर्थ, धर्म तथा काम इन त्रिवर्गों को समझाया। साथ ही आचार्य-पुत्रों ने शिवपरत्व के न जाने कितने दार्शनिक सिद्धान्तों की शिक्षा दी और धीरे-धीरे उनको यह विश्वास होने लगा कि अब प्रह्लाद ठीक रास्ते पर आ गये हैं, विष्णुभक्ति का भूत उनके ऊपर से उतर गया है। क्योंकि अब प्रह्लादजी उनके सामने हरिकीर्तन करना उचित न समझ उनकी अनुपस्थिति में ही सब कुछ करते थे। उनकी पाठशाला के वे सब छात्र भी अब प्रह्लाद के अनुगामी बन