सत्य ना प्रयोगों - भाग 13 - अंतिम भाग

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अंतिम भाग "Change"... कोई यह न माने कि नाच आदि के मेरे प्रयोग उस समय की मेरी स्वच्छंदता के सूचक है। पाठकों ने देखा होगा कि उनमें कुछ समझदारी थी। मोह के इस समय में भी मैं एक हद तक सावधान था। पाई-पाई का हिसाब रखता था। खर्च का अंदाज रखता था। मैंने हर महीने पंद्रह पौंड से अधिक खर्च न करने का निश्चिय किया था। मोटर में आने-जाने का अथवा डाक का खर्च भी हमेशा लिखता था। और सोने से पहले हमेशा अपनी रोकड़ मिला लेता था। यह आदत अंत तक बनी रही। और मैं जानता हूँ कि इससे