पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य - 1

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अध्याय 1.मरणोत्तर जीवन और उसकी सच्चाईपालटेराजेस्ट फेमामेना, आडिटरी हेलसिनेशन, फिजीकल ट्रांसपोजीशन, द्विजिनरी एक्सपीरियेन्स, स्प्रितिपाजेशन प्रभृति वैज्ञानिक कसौटियों पर कसे गये घटनाक्रम एवं अनुभवों द्वारा आत्मा और शरीर की भिन्नता के अधिकाधिक प्रमाण मिलते जा रहे हैं। शरीर के मरने पर भी आत्मा का अस्तित्व बना रहता है और जीव बिना शरीर के होने पर भी दूसरों के सम्मुख अपनी उपस्थिति प्रकट कर सकता है, इस तथ्य की पुष्टि में इतने ठोस प्रमाण विद्यमान हैं कि उन्हें झुठलाया नहीं जा सकता। विज्ञान के क्षेत्र की वह मान्यता अब निरस्त हो चली है कि शरीर ही मन है और उन दोनों का