ये एक सच्ची कहानी है।ट्रेन में सफर करना मुझे बहुत अच्छा लगता है में ज्यादातर ट्रेन में मे अकेले ही सफर किया करता हूं पर एक बार मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ था। जिससे बताने में रोंगटे खड़े हो जाते है। यह एक सच्ची घटना पर आधारित एक कहानी है।जब मेरे दादा एक्सपायर हुए तो हम लोग गांव की तरफ़ ऐसे भागे जेसे कोई हवा किसी दुसरे तरफ़ रुख करती होमेरी पुरी फैमिली चालू ट्रेन मुझे सफर कर रही थी। पूरे 1.5 दिन के सफर में मुझे बहुत बोर हो रहा था क्योंकि मेरे दादा से कभी उस तरह बात