मीठे पानी का कुआँ.

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तेजगढ़ राज्य दुखों की चपेट में आ गया, लोग पानी के लिये तरसने लगे. तेजगढ़ के राजा को अपनी प्रजा की कोई चिंता न थीं.राजा अपने में ही मस्त रहते थे , ज़्यादातर समय शिकार खेलने में ही व्यस्त रहता था.प्रजा पानी के लिए तरस रही थी.राज्य के लोग बड़े ही परेशान रहने लगे , कम से कम राजा पीने के पानी की व्यवस्था तो करे, लेकिन राजा को कोई चिंता न थी.राज्य के लोग भगवान से प्रार्थना करने लगे, राज्य के एक बुज़ुर्ग को याद आया जंगल में एक संत रहते हैं, बहुत पहले उनसे मिला था चलो एक