घुटन - भाग ५

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दूसरे शहर में जाने के बाद भी रागिनी की माँ अपनी बेटी की चिंता करती रहती थीं। इसी तनाव में दिन पर दिन वह कमज़ोर होती जा रही थीं। अपनी बेटी के कुंवारी माँ बनने के आघात के कारण वह ख़ुद को संभाल ही नहीं पाईं और कुछ ही हफ़्तों में हृदयाघात से उनकी मृत्यु हो गई। इतना बड़ा दर्द सहन करने की ताकत रागिनी में नहीं थी। वह मर जाना चाहती थी पर इस सब के बाद भी ज़िंदा रहने के लिए अब उसके पास दो कारण थे। एक तो उसके पिता जिनका इस दुनिया में उसके अलावा और