टक्कर महारानी से ?आम तौर पर वह पृथ्वी की हलचल देख कर प्रफ़ुल्लित हुआ करती थी, लेकिन एक दिन कुदरत मनुष्य और दूसरे जीवों के उत्पात से आज़िज़ आ गई। तंग होकर एक दिन उसने मन ही मन एक बेहद कठोर फैसला ले डाला। कुदरत ने सोचा कि वह धरती के हर जीव से उसका कोई न कोई एक गुण वापस ले लेगी। जब सोच ही लिया तो फिर देर कैसी? झटपट अमल की तैयारी भी होने लगी।सबसे पहले बारी आई शेर की। कुदरत ने उसे उसकी अकड़ ठिकाने लगाने के लिए सज़ा देने का निश्चय किया, उसकी अकड़ छीन ली गई। शान