अनोखी प्रेम कहानी - 7

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'गुरूदेव!' बखरी सलोना से पोपली काकी का संदेश लेकर माया दीदी आयी हैं, 'शिवदत्त नाथ ने नतजानु होकर गुरु भैरवनाथ से कहा-' उन्हें द्वार पर ही रोककर आया हूँ। आज्ञा हो तो उन्हें श्रीचरणों में उपस्थित करूँ? 'चम्पापुरी स्थित नाथसम्प्रदाय का यह आश्रम गुरु भैरवनाथ के अधीन संचालित था। शिवदत्तनाथ उनके प्रधान शिष्यों में थे। शिवदत्त ने जब बखरी की माया दीदी से गुरू-दर्शन का प्रयोजन जानना चाहा तो दीदी ने स्पष्ट कह दिया, उसके पास गुरुदेव के लिए पोपली काकी का व्यक्तिगत संदेश है और वह उनके अतिरिक्त और किसी को वह संदेश नहीं दे सकती।चम्पापुरी स्थित नाथसम्प्रदाय के