रब की लिखी जोगी - 2

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पार्ट 1कहानी अब तक:- आरती माता रानी की मूर्ति के सामने घर के सुख की कामना कर रही है। और बाऊजी अपने सालो पुराने ख्वाबों को पूरा करने का अरमान लिए कोर्ट जा रहे है। क्या है सबकी किस्मत में इससे सब कोसो दूर है। दृश्य:- १ गुरुद्वारे में आज अच्छा माहौल है। अभी भरी दोपहर नहीं हुई है सुहावना मौसम है। सुबह का माहौल है। सभी अरदास कर रहे है। इक ओंकार सतनाम करता पुरख निर्मोह निरवैर अकाल मूरत अजूनी सभम गुरु परसाद जप आद सच जुगाद सच है भी सच नानक होसे भी सच सोचे सोच न होवई