निखिल

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"मयंक, आज अगर निखिल होता, तो एम. बी.ए. के कौनसे वर्ष में होता?"माही ने चिट्ठी लिखने से पहले, अपने पति से पुष्ठि करने के लिए पूछा। मयंक माही को देखता रहा। यह औरत किस मिट्टी की बनी थी? इतने गहरे दर्द और गम को बर्दाश्त करने के लिए, इतना बड़ा दिल कहाँ से लाई? प्रेम के साथ मयंक का हृदय अपनी पत्नी के प्रति गर्व और सम्मान से भर गया। उसने धीरे से कहा,"शायद दूसरे वर्ष में होता।"एक पल के लिए माही काँप गई। उसने अपने आँसू छिपाने के लिए जल्दी से मयंक से निगाहें फेर ली और पत्र लिखना