“सर मैं अगले महीने से आपके साथ काम नहीं कर पाऊँगा, मुझे साथ वाले वकील साहब दो हजार रुपये ज्यादा तनख्वाह दे रहे हैं," वकील साहब के सहायक ने सूचित किया। “जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, बेटा। तुम्हें पैसा नाम से बड़ा दिख रहा है, तो कोई बात नहीं,” साहब ने एक फाइल खोली। “वकील राकेश तोमर जी, आप ही हैं न?" एक बूढ़ा आदमी एक नौजवान के साथ आया और पहचानने की कोशिश में उन्हें घूरने लगा। वकील साहब ने उसे पहचाना तो नहीं पर अपने सहायक को इशारा किया तो वह अपनी कुर्सी बूढ़े के लिए छोड़ कर खड़ा हो