नौकरी का तीसवाँ दिन यानी कि सैलरी, मिलने का दिन, मैं बड़ा खुश था उस दिन, कि आज मुझे अपनी ज़िंदगी की पहली सैलरी मिलेगी और मैंने सोच रखा था सैलरी से मैं, पहला काम अंतिम के लिए उपहार खरीदूँगा। इसलिए, मैं बातों-बातों में उस दिन उससे पूछना चाह रहा था कि उसे क्या पसंद हैं या फिर उसे क्या चाहिए जो उसे खुशी दे सकें। पर वो थी कि उस दिन किसी भी बात का जवाब नहीं दे रही थी। जब मैं उसकी इस चीज़ से परेशान हो गया, तो उससे जानबूझकर बोला, “क्या हुआ? क्यों परेशान हो? पति