वेश्या का भाई - भाग(१५)

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नवाबसाहब के जाते ही गुलनार ने केशर से पूछा... क्या हुआ केशर! नवाबसाहब ऐसे ख़फा होकर क्यों चले गए? आपने उनसे ऐसा क्या कह दिया? जी! ख़ालाजान वें मुझे मेरी औकात बता रहे थे तो मैने भी उनको उनकी औकात बता दी,केशरबाई बोली।। लेकिन क्यों ऐसा क्या हुआ? हमें भी कुछ बताएं,गुलनार बोली।। जी! आपको वक्त आने पर पता चल ही जाएगा,केशर बोली।। आपको मालूम होना चाहिए कि वें आपके कद़रदानों में से एक हैं,गुलनार बोली.... कद़रदान.....हा....हा....सच में ख़ालाजान!आपको भी ऐसा लगता है,इस मतलबी दुनिया में तवायफ़ो के कद़रदान कबसे पैदा होने लगे?वे मेरे कद़रदान नहीं हैं, वे केवल अपनी