सिर्फ सच कहना बचा था, कह दिया, भूलना मत इसे

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हम सब सच को श्रेष्ठ मानते हैं, सच से बड़ा मूल्य जीवन में शायद कुछ भी नहीं सच से अच्छा दोस्त कोई नहीं... लेकिन जब यही सच आपके खिलाफ हो तो इससे बड़ा शत्रु भी कोई नहीं, असल में इंसान के लिए सच वहीं होता है जब वह आपके पक्ष में आपके लिए बोला गया हो... क्या कभी किसी ने सोचा है कि तब क्या होता होगा जब सच आपके खिलाफ बोला जाए? तब कैसा महसूस होता होगा? ...जब सच आपके खिलाफ हो तो वो आपको असहनीय पीड़ा देकर जाता है, उससे जुड़ी यादें आपको बिना पीए लंबे समय तक नशे में