मैं भी फौजी (देश प्रेम की अनोखी दास्तां) - 1

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कभी सोचा नहीं था ...मैं सेना में भर्ती हो पाऊंगा बस मन में उमंग और दिल में जज्बा था कुछ कर दिखाने का ...मैं भी भारत माता के लिए कुछ कर दिखााना चाहता हूं........ दु:ख होता है ..अपने बीते हुऐ उन दिनोंं को सोचकर क्यूं होते है देश में गद्दार......*******कहानी शुरू होती है मेरे गांव मीरपूर से ******मैं अपने परिवार के साथ रहता था... मैं.. मेरे पापा ..मां और मेरी प्यारी छोटी बहन सोना ...हम बहुत खुश रहते थे आखिर क्यूं न रहे ...सब कुछ था हमारे पास ...शांति , सुकून और सबसे फक्र की बात थी , अपने फौजी