मूल तमिल लेखक डब्यू. गोपालकृष्णन नोट - तमिल में उब्बासी को खोट्टावी कहते है अनुवाद-एस.भाग्यम शर्मा “पट्टाभी, कभी भी जी.एम. तुम्हें बुला सकते हैं। तैयार रह। तेरे बारे में लोगों ने कुछ कुछ कहा है, ऐसा लगता है। ’’अपने साथ पढे़ हुए इस समय जी.एम.के सेक्रेटरी कीच्चामी ने उसे चेताया। उसके जाने के बाद एकौउंटस में एक अधिकारी पट्टाभी के पेट में डर के मारे गुडगुडाहट होने लगी। अभी कुछ समय पहले ही उतर भारत से ट्रान्सफर होकर यहां दक्षिण भारत आए। ऐसा सुनने में आया कि नए जी.एम.बहुत ही स्ट्रिक्ट,किसी बात में न झुकने वाले स्ट्रेट फॅार्वड, आदमी हैं।