पानी रे पानी तेरा रंग कैसा - 4

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4 26.8.2021 पूरी रात बीती होगी। यहाँ तो अंधेरा ही अंधेरा था। बहाव अब धीमा हुआ। मैंने मेरे खड़क पर से उस बच्चों को बातों में रखने पूछा "किसीको सिग्नल मिल रहे है?" दिगीश ने कहा उसका मोबाइल भीग गया था। मनीष ने ना कही। उसने पूछा "सर, आपको मिल रहे है?" मैंने देखा। 4जी ऑन किया। "ना। मुझे भी नहीं। ऐसा करो, मोबाइल सब पावर सेविंग मोड़ में रख दो। ब्लेक एन्ड व्हाइट स्क्रीन। कोई एप न चले। टोर्च जरूरत पड़े चालू करेंगे।" तनु ने हिम्मत करते उस ड़ाली हमारी ओर फेंकी। मैंने ड़ाली पकड़ी और तोरल ने मुझे।