समझौता प्यार का दूसरा नाम - 1

(16)
  • 11.9k
  • 5.5k

मैं कहानी शुरू करने से पहले आप सब से कुछ कहना चाहती हूं । ये कहानी बिल्कुल सच घटना पर आधारित है। पहले तो सुन कर मुझे भी यकीन नही हुआ की क्या सच में ऐसा हो सकता है! मैं हैरान थी ! बात तब की है जब मेरा पिता का ट्रांसफर फैजाबाद हो गया। जब तक रेलवे का आवास नही मिला तब तक हम किराए के मकान में शिफ्ट हो गए। हम लोग जिस मकान में थे वहां नीचे के हिस्से में मकान मालिक का परिवार भी रहता था। बहुत बड़ा परिवार था उनका। मैं समझ न पाती की