बरसो रे मेघा-मेघा - 2

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भाग दो रिमझिम गिरे सावन नीले साफ़ आसमान में बादल आते तो आसमान को तो गहरे रंग में रंगते ही, धरती पर भी धुंधलका फैला देते | बादलों को धैर्य ही नहीं होता कि कौन आगे चले | उनकी धक्का-मुक्की के इस खेल में एक दूसरे से टकराते हुए धन और ऋण के कण एक दूसरे के पास आकर बिजली की चमकीली लकीरें चमकती और आसमान को दो भागों में बांटते हुए खुद ही गर्जना करने लगती | बदल फट पड़ते झमाझम बारिश होने लगती | रंग-बिरंगी छतरियों से धूसर सड़कें छिप जाती | डिज़ाईनर छतरियों पर तड़-तड़ बूंदों की