छोटी गोल, बड़ी गोल करते करते आठवीं पास होने तक , मैं गांव के प्राइमरी पाठशाला और जूनियर हाई स्कूल में पढ़ता रहा । प्राइमरी पाठशाला में पटिया , नरकट की कलम , दूधिया की दवात तथा किताब लेकर जाता था।यह माना जाता था कि निब वाली पेन से लिखने में , हैंडराइटिंग खराब हो जाती है। इसलिये मैं पाठशाला में कभी निब वाला पेन लेकर नही गया। प्राइमरी पाठशाला के हर क्लास का मैं टापर था । प्राइमरी पाठशाला के हेडमास्टर साहब ने क्लास डकाने के लिये , बाबूजी से कई बार कहा था लेकिन बाबूजी का कहना था