विश्वासघात--भाग(११)

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शाम हुई ,मधु के जन्मदिन के लिए प्रदीप फूलों का गुलदस्ता लेकर सुनहरी चौक पहुँच गया और मधु की सहेली वीना की मोटर का इंतज़ार करने लगा,कुछ देर के बाद मधु की सहेली वीना अपनी मोटर लेकर आ पहुँची और दोनों उसमें बैठकर फार्महाउस निकल गए, पहुँचते पहुँचते अँधेरा भी हो आया था,फार्महाउस के बँगले से कुछ दूर ही वीना ने मोटर रोक दी और बोली,यहाँ से बँगले तक पैदल ही जाना पड़ता है, वहाँ मोटर खड़ी करने की जगह नहीं है।। प्रदीप बोला,ठीक है ! लेकिन यहाँ इतना सुनसान सा क्यों लग रहा है, सालगिरह के जश्न जैसी