कहानी - गली में आज चाँद निकला मैं इंजीनियर डॉक्टर तो नहीं बन सका , हमारी हैसियत ही नहीं थी . बचपन में ही पिताजी के गुजर जाने के बाद माँ ने मुझे किन कठिनाइयों से पाल पोस कर बड़ा किया देखता आया था . खैर किसी तरह मैंने हिंदी में स्नातक तक की पढ़ाई की . फिर बी