मेरी रोटी 

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मेरी रोटी मैं आप में से एक हुँ , मेरे लिए महत्‍वपूर्ण है मेरी “रोटी” । वो “रोटी” जिसके लिए मैं दर- ब- दर भटकता हुँ , जिसके लिए मैं दूसरों की सुनता हुँ और वो रोटी जो चाँद सी गोल होकर भी मेरे जीने का आधार है। मैंने रोटी पर अनेकों सुमधुर कविताऍ पढ़ी है लेकिन वे कभी भी रोटी से मीठी नहीं लगी । रोटी मुझे संघर्ष की ताकत देती है , कुछ करते रहने की शक्ति देती है और गलत कामों को भी अनदेखा करने की प्रेरणा देती है । मेरी जिदंगी रोटी के आस-पास घूमती