“आपने ‘स्त्री’ देखी है, न-न गलत न समझें, मेरा मतलब नई पिक्चर से है, अभी अभी लगी है न,” उस नये ग्राहक ने मेरे नाप लेने के तरीके पर आश्चर्य जताते हुए पूछा। “नहीं तो। सुना है डरावनी पिक्चर है, मैं एैसी पिक्चर नहीं देखता,” मैंने कहा। “आपके लिए तो देखनी बहुत जरूरी है, उसका असली हीरो तो जैसे कि आप ही हैं”। “अरे! मेरी सूरत पर तो बारह बजे रहते हैं,” उसकी एैसी तारीफ़ पर मैं चौंका। इतनी सुंदर स्त्री द्वारा मेरी तारीफ़ किया जाना, मेरे लिए तो दुनियाँ का आठवां आश्चर्य जैसा लगा! “सच में, वो तो नकली