लक्ष्मी को समझ नही आ रहा था कि वो हंसे या रोये। उसकी सहेलियां उसको बार बार एहसास दिल रही थीं कि उस से ज़्यादा भाग्यशाली कोई लड़की नही गाँव मे क्योंकि उसको ठाकुर साहब ने पसन्द किया था पत्नी के गुज़र जाने के बाद, दूसरा विवाह करने के लिए। लक्ष्मी का आज ही रिजल्ट निकल था जिसमे उसने जिले में टॉप किया था।उसका मन आगे पढ़ाई करने का था। पर लक्ष्मी के पिता ने ठाकुर साहब को एक बार में ही हाँ कह दी थी। ठाकुर भानुप्ताप की हवेली आज दुल्हन जैसे सजी थी,ठाकुर साहब की दूसरी शादी जो