प्लीज़, मानव को मानव ही रहने दें

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अन्नदा पाटनी उफ़ ! बारह बज गए । जल्दी जल्दी खाना मेज़ पर लगाओ नहीं तो सुनना पड़ जायेगा," खाना भी टाइम से नहीं लगा सकते हो । यह नहीं सोचते कि खाने के बाद मैं आधा घंटा आराम कर लूँ ऑफ़िस जाने से पहले । " हे भगवान ! रोज़ तो खाना समय से पहले ही मेज़ पर लग जाता है । अगर एक दिन किसी कारणवश पाँच मिनट की देर हो गई तो मजाल है बिना जताए छोड़ दिया जाय।हद है ।टेबल पर खाते समय भी खाने की तारीफ़ करना तो दूर, सुनने को मिलेगा," यह देखो दीवार