अक्षयपात्र : अनसुलझा रहस्य - 6

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अक्षयपात्र: अनसुलझा रहस्य(भाग - ६)परीक्षित पांडुओ के अकेले उत्तराधिकारी थे। परीक्षित जब राजसिंहासन पर बैठे तो महाभारत युद्ध की समाप्ति हुए कुछ ही समय हुआ था, इन्हीं के राज्यकाल में द्वापर का अंत और कलयुग का आरंभ होता है। एक दिन राजा परीक्षित ने सुना कि कलयुग उनके राज्य में घुस आया है और अधिकार जमाने का मौका ढूँढ़ रहा है।एक दिन राजा परीक्षित शिकार पर जा रहे थे कि रास्ते में उन्हें एक व्यक्ति हाथ में डंडा लिए बैल और गाय को पीटते हुए दिखा। राजा ने अपना रथ रुकवाया और क्रोधित होकर उस व्यक्ति से पूछा- ‘तू कौन अधर्मी है,