अर्थ पथ - 13 - प्रतिस्पर्धा: प्रगति का प्रतीक

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प्रतिस्पर्धा: प्रगति का प्रतीक मेरे एक उद्योगपति मित्र हैं। वे दो भाई हैं। उनमें से एक भाई के अनेक उद्योग होने के कारण उसके पास धन की प्रचुरता थी। उसने अपने दूसरे भाई के कारखाने को बर्बाद करने के लिये अपनी उत्पादन लागत से भी कम दामों में माल बेचना प्रारम्भ कर दिया। इससे उसके भाई के कारखाने का माल बिकना बन्द हो गया। दो तीन साल में ही उसका भाई कारखाने की हानि को बर्दास्त नहीं कर पाया और उसे परेशान होकर अपना उद्योग बन्द कर देना पड़ा। इससे दूसरे भाई का उस क्षेत्र पर एकाधिकार हो गया।