सुलझे...अनसुलझे - 4

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सुलझे...अनसुलझे आहत मासूमियत ------------------- करीब दो घंटे से एक युवती को अपने चेम्बर के बाहर गुमसुम बैठा देखकर मेरे मन में एक सवाल उठा क्यों बैठी है यह युवती? जबकि दो बार रिसेप्शनिस्ट ने उसको आवाज़ दे कर पूछ लिया, क्या हुआ है आपको? क्या चाहती है आप? किसी परिचित का इंतज़ार है आपको? आपके यहां आने की वज़ह क्या है? पर उसने कोई जवाब नहीं दिया| चूंकि रिसेप्शनिस्ट की आवाज़ बुलंद थी तो मुझे उसका कहा हुआ तो सुनाई दिया| पर उस युवती ने क्या कहा मेरे कानों तक नही पहुँचा। मेरे भी मरीज़ लगातार आ-जा रहे थे तो