मोहब्बत

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रात का घना अंधेरा छाया हुआ था UP के किसी रास्तें पर फुल्ल स्पीड से बाईक भागे जा रही थी वो बाईक एक शानदार घर के सामने खड़ी रहीबाईक लॉक कर के वो लड़का उतारा घर के भीतर जाते वक़्त उसके दिल मै बस एक ही ख्याल थाउसने अब तक खाना नहीं खाया होगा बोलता हूं मुझे देर होगी पर रात के 12 बजे हो फिर भी दरवाज़े में मेरी राह देखते खड़ी रहती है पागलउसने दरवाज़े पर दस्तक दी..ये क्या ये खुला क्यों है..? ?कितनी बार कहता हूं आशु दरवाजा बंद कर के अंदर बैठी रहो पर नहीं सुनना