आज चार दिन हो गये, आशी ने बात नहीं की। ओ बहुत जिद्दी है ,हो सकता है कि ओ फिर कभी भी बात न करे क्योंकि उसकी कथनी और करनी में बहुत फर्क नहीं रहता है। पता नहीं कैसे रहती होगी। इतना आसान तो नहीं है बिरह की आग को ठंढा करना। लेकिन हर किसी का अपना अलग कंट्रोलिंग पावर होता है । हो सकता है कि ओ उसे अच्छे से मैनेज कर ले।आशु का जो हाल है ओ तो मासा अल्ला है। सबकुछ जानते हुए भी आशु खुद को नहीं संभाल पाता है।ओ इतना टूट चुका है कि खुद